गुरु रामदास जी ने ३० रागों में वाणी की रचना की है | आदि ग्रन्थ की सारी वाणी ३१ रागों में है | गुरु रामदास जी की वाणी की सबसे बड़ी विशेषता, सरल वर्णन और आसान भाषा है | आपकी वाणी में राम, रामनाम या हुक्म की महिमा गाई गयी है | आपने निर्मल आचरण और प्रभु भक्ति द्वारा प्रभु मिलाप पर जोर दिया है | गुरु...
एक बार गुरु अमरदास जी ने अपने शिष्यों को एक जगह मिट्टी के चबूतरे बनाने के लिए कहा | जब चबूतरे बन गए तो गुरु साहिब ने कहा: ये ठीक नहीं हैं, इन्हें गिराकर फिर से बनाओ | गुरु साहिब बार-बार चबूतरे बनवाते रहे और गिरवाते रहे | धीरे-धीरे चबूतरे बनवाने वाले और गिरानेवालों की संख्या कम होने लगी | अंत में...
Guru Ram Das was born on September 24, 1534 to simple God-fearing parents, Hari Das and Anup Devi of Lahore. Known as Jetha meaning the first born, he was a handsome young man. When he grew up he could always be found in the company of religious men. One day Jetha came across a party of Sikhs...
Source: An encounter that may have changed history
While trawling the web looking for something else a few days ago, I stumbled on an account of a meeting between Swami Samarth Ramdas and Guru Har Gobind ji that took place in Kashmir almost 400* years ago.
This was an unexpected...
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